लफ्ज़

मेने आज एक प्यार की किताब लिखी
तेरी मेरी कहानी लिखी
जब हर पन्ने का अंत हुआ
मुझे कुछ अन्दर दर्द हुआ
पर जेसे ही दूसरा पन्ना आया
अपने संग नयी उमंग लाया
हर पन्ने में एक अलग सुगंध थी
जेसे तू मेरे साँसों में ही बंध थी
स्याही पन्नो पर गिरती गयी
और नयी कडिया जुडती गई
आखिर आया वो आखरी लम्हा
वो आखरी अक्षर, वो आखरी पन्ना
जहा अंत होता है तेरा मेरा
साथ छुटता है तेरा मेरा
बस उसी पल मेने तुझे थाम लिया
कहानी फिर लिखी जा सकती है
पर तुझसे प्यार तो बस आज अभी इसी पल किया जा सकता है.